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यादों के झरोखे से लेखनी कहानी मेरी डायरी-14-Nov-2022 भाग 15

                    वृन्दावन यात्रा भाग 15


         अब हम गुरुग्राम की तरफ वापिस आरहे थे। जैसे ही हम छटीकरा मोडँ के पास पहुचे तब हमें माँ वैष्णो देवा का मन्दिर नज आया । इस  मन्दिर  का अभी भी निर्माण कार्य जारी है। 

       मन्दिर के बाहर बहुत भीड़ नजर आरही थी। हमने भी एक खाली जगह देखकर अपनी गाडी़ पार्किंग  में लगा दी। अब हम सभी मन्दिर के प्रवेश द्वार पर पहुँचे।

    मन्दिर के प्रवेश द्वार पर पहुँचकर हमें पता चला कि  मन्दिर में प्रवेश करने हेतु टिकट लेनी पड़ती है जो फ्री है। हमने भी खिड़की पर पहुँचकर टिकिट बनवाईं और मन्दिर में प्रवेश किया।

       मन्दिर के अन्दर पहुँचकर मन को शान्ति  मिली। वहाँ इतनी भीड़ होने के बाद भी कोई शोर नहीं कोई आवाज नही। थी। सब लोग शान्ति से माँ के दर्शन कर रहे थे। मन्दिर दो मन्जिल बनकर तैयार है अभी गुफा का काम चल रहा है इस लिए गुफा में जाने केलिए मना है।

     हमने वहाँ पर पूरे मन्दिर के दर्शन किए। जैसी शान्ति मन को माँ वैष्णो देवी के मन्दिर में मिली थी वैसी शान्ति पूरे वृन्दावन में  नही मिली थी।

      हमने वहाँ कुछ क्षण बैठकर शान्ति से चैन की साँस ली। इस तरह अन्त में हम लोग वहाँ से  प्रसाद लेकर बाहर आये और वहाँ मन्दिर के बाहर  आकर कुछ नाश्ता लिया। और कुछ समय वाद हमने वहाँ से प्रस्थान किया।

           अब हम गुरुग्राम की ओर चल दिए और वहाँ से पलवल  होते हुए फरीदावाद  पहुँचगये। वहाँ एक होटल पर रुक कर चाय पी और वहाँ से  हम गुरुग्राम की तरफ प्रस्थान  कर दिया।

    इसके बाद गुरुग्राम पहुँचकर हमारी वृन्दावन यात्रा समाप्त होगयी हम  इस तरह इन दो दिनों में वृन्दावन के मन्दिरौ के दर्शन करके आनिन्दित हुए। अब आगे कीयात्रा का वर्णन अगले अंक मे पढि़ए।

यादों के झरोखे से २०२२
नरेश शर्मा " पचौरी "


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5 Comments

Radhika

05-Mar-2023 08:23 PM

Nice

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shweta soni

03-Mar-2023 10:15 PM

Nice

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अदिति झा

03-Mar-2023 02:34 PM

🙏🏻🙏🏻

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